सेवा, समर्पण और संकल्प का पावन केंद्र
परम पूज्य गुरूजी के सान्निध्य में संचालित दिव्य आश्रम एवं भव्य परमार्थ गौशालाएँ
जहाँ करुणा केवल भावना नहीं, जीवन की साधना बन जाती है…
हमारा उद्देश्य (Our Mission)
“जहाँ सेवा, श्रद्धा और सद्भाव का समागम होता है, वहीं से सच्चे धर्म की शुरुआत होती है।”
हमारे आश्रमों का उद्देश्य न केवल धार्मिक जागरण है, बल्कि पीड़ित, वंचित, बीमार, वृद्ध, संत एवं जीव-जंतुओं की सेवा द्वारा समाज में करुणा और उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करना है।
1. जलगाँव आश्रम (स्थापना – 2010)
गुरूजी द्वारा स्थापित यह आश्रम करुणा और सेवा का केंद्र है।
🔹 प्रमुख निर्माण :
- परमार्थ गौशाला (300 गौमाताओं के लिए)
- वृद्धाश्रम, यज्ञशाला, रसोईघर
- भक्तनिवास, सत्संग हॉल, गुरूनिवास, जल टंकी
🔹 सेवाएँ:
- यज्ञ सेवा, गौसेवा, अन्नदान (भंडारा)
- सत्संग – कथा, संका समाधान, गुरू दर्शन
- वैदिक गुरूकुलम, वृक्षारोपण
2. वृंदावन आश्रम – श्री राधा किशोरी सेवा धाम (स्थापना – 2020)
कोरोना काल में गुरूजी द्वारा शुरू किया गया यह सेवा केंद्र ब्रजवासियों के लिए आशा की किरण है।
🔹 प्रमुख निर्माण:
- परमार्थ गौशाला, रसोईघर, भक्तनिवास
- राधा माधव मंदिर, शिव मंदिर
- सत्संग हॉल, कार्यालय, गुरू दर्शन कक्ष
🔹 सेवाएँ:
- गौसेवा, अन्नक्षेत्र – श्री राधा किशोरी प्रसादम थाली
- औषधि, वस्त्र, कम्बल, जूते-मोज़े एवं बंदर सेवा
सेवा कार्यक्रम
जलगाँव आश्रम:
- यज्ञ सेवा – प्रातः 5:30, शाम 6:30 (ठंड में बदला समय)
- गौसेवा – प्रातः 5 से शाम 8 बजे तक
- भंडारा – दोपहर 12 बजे, रात्रि 8 बजे
वृन्दावन आश्रम:
- आरती – प्रातः 6 और रात्रि 6 बजे
- गौसेवा – प्रातः 5 से शाम 8 बजे तक
- अन्नक्षेत्र – सुबह 8 बजे, दोपहर 12 बजे, रात्रि 8 बजे
अन्य सेवा कार्यक्रम
- कम्बल वितरण
- वस्त्र (साड़ी, शाल)
- शूज़ और मोज़े
- बंदर सेवा
- वृक्षरोपण
- औषधि वितरण
गुरूजी का मूल मंत्र:
"धर्म वही, जिसमें सेवा हो। सेवा वही, जो निस्वार्थ हो।"
गुरूजी के मार्गदर्शन में संचालित यह सेवा संस्थान आत्मा को शांति, प्रेम और उद्देश्य प्रदान करते हैं।
आपकी सहभागिता (Get Involved)
- 🌱 गौसेवा यज्ञ में सहभागी बनें
- 🍛 भंडारा सेवा में अन्नदान करें
- 🏠 आश्रम – गौशाला निर्माण हेतु दान करें
- 🧘 स्वयंसेवक के रूप में जुड़ें
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